卐 ॥ ॐ श्री गणेशाय नमः ॥ 卐

अंगपूजनं
हाथ में रोली,कुंकुम,अक्षत( सफेद चावल) एवं पुष्प लेकर, दिये हुए मंत्र को पढ़ते हुए ,अंग पूजा करें ।
ॐ चपलायै नम:,पादौ पूजयामि । ( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ चंचलायै नम:,जानुनी पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ कमलायै नम:,कटिं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ कात्यायन्यै नम:,नाभिं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ जगत्मायत्रे नम:,जठरं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ विश्ववल्लभायै नम:,वक्ष: स्थलं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ कमलवासिन्यै नम:,हस्तौ पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ पद्माननाये नम:,मुखं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ कमलपत्राक्ष्यै नम:,नेत्रत्रयं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ श्रियै नम:,शिर: पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ महालक्ष्म्यै नम:,सर्वांगं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
॥ इति अंग पूजा ॥

अष्ट सिद्धि पूजनं
अष्ट्सिद्धि पूजा के समय ध्यान रखें कि आप पूजन का चढ़ावा ( अक्षत - सफेद चावल) से, दिये हुए मंत्र को पढ़ते हुए )पूर्वादिक्रमेण से (पूर्व से दाईं ओर ) आरम्भ करें । अर्थात् पूर्व कोना,दाएं कोना,दक्षिण कोना,उत्तर कोना।
ॐ अणिम्ने नम: पूर्व कोना
ॐ महिम्ने नम: पूर्व-दक्षिण कोना
ॐ गरिम्णे नम: दक्षिण कोना
ॐ लघिम्ने नम: दक्षिण-पश्चिम कोना
ॐ प्राप्त्यै नम: पश्चिम कोना
ॐ प्राकाम्यै नम: ऊपर की ओर
ॐ ईशितायै नम: उत्तर कोना
ॐ वशितायै नम: चक्राकार
॥ इति अष्ट्सिद्धि पूजनम् ॥

अष्ट महालक्ष्मी पूजनं
(पूर्वादि क्रम से से) कुमकुम,चावल और पुष्प एक-एक नाम मंत्र पढ़ते हुए आठों लक्ष्मियों का पूजन करें ।
ॐ आद्यलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ अमृतलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ कामलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ भोगलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ योगलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
॥ इति अष्ट्लक्ष्मी पूजनम् ॥

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