एक बुढ़िया उसके सात बेटे और एक बेटी की प्रचलित कहानी

बहिन ने ऐसा ही किया। खाना खा के भाई को बहुत ज़ोर की नींद आने लगी। इतने में बहिन के बच्चे आ गये। बोले-मामा मामा हमारे लिए क्या लाए हो?
भाई बोला- में तो कुछ नही लाया।
बच्चो ने वह झोला ले लिया जिसमें साँप था। जेसे ही उसे खोला, उसमे से हीरे का हार निकला।
बहन ने कहा- भैया तुमने बताया नही की तुम मेरे लिए इतना सुंदर हार लाए हो।
भाई बोला- बहना तुझे पसंद है तो तुम ले लो, मुझे हार का क्या करना।
अगले दिन भाई बोला- अब मुझे जाना है, मेरे लिए खाना रख दे। बहन ने उसके लिए लड्डू बना के एक डब्बे मे रख के दे दिए।
भाई कुछ दूर जाकर, थक कर एक पेड़ के नीचे सो गया। उधर बहन के बच्चों को जब भूख लगी तो माँ से कहा की खाना दे दो।
माँ ने कहा- खाना अभी बनने में देर है। तो बच्चे बोले कि मामा को जो दिया था वही दे दो। तो वह बोली की लड्डू बनाने के लिए बाजरा पीसा था, वही बचा पड़ा है चक्की में, जाकर खा लो। बच्चों ने देखा कि चक्की में तो साँप की हड्डियाँ पड़ी है।