श्री रोहिणी व्रत विधि एवं कथा | rohini vrat
प्रत्येक मास में जिस दिन रोहिणी नक्षत्र हो, उस दिन रोहिणी व्रत करना चाहिये। मृगसिरा नक्षत्र में इस व्रत का पारणा करना चाहिये। रोहिणी व्रत करने से शोक, दारिद्रय आदि नष्ट हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से ऐश्वर्य, सुख आदि की वृद्धि होती है। इस व्रत के करने से स्त्रियों को सौभाग्य, संतान, ऐश्वर्य, स्वास्थ्य आदि अनेक फलों की प्राप्ति होती हैं ।