स्वर्ण गौरी व्रत विधि एवं कथा | Swarn Gauri Vrat

स्वर्ण गौरी व्रत श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। इस व्रत में भगवान शिव तथा पार्वती की पूजा की जाती है। जो स्वर्णगौरी के इस व्रत को करता है, वह भगवान शिव तथा गौरी का अत्यंत प्रिय होता है और विपुल लक्ष्मी प्राप्त करके तथा भूलोक में शत्रु समूह को पराजित करके शिवजी के विशुद्ध लोक को जाता है । यह व्रत मनुष्यों को सभी सम्पदाएँ प्रदान करनेवाला है।

स्वर्ण गौरी पूजन सामग्री:-

Worship material of Swarn gauri vrat:-

स्वर्ण गौरी पूजन विधि:-

worship method of swarn gauri:-