लक्ष्मी स्तवन

या रक्ताम्बुजवासिनी विलसिनी चण्डांशु तेजस्विनीं।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी।।
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटितां विष्णोस्वया गहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती।।
यदि आप संस्कृत का शुद्ध उच्चारण नहीं कर सकते हैं तो माँ लक्ष्मी का स्तवन हिंदी में करें:-
“जो लाल कमल में रहती है, जो अपूर्व कांतिवाली हैं, जो असह्य तेजवाली हैं, जो
पूर्णरूप से लाल हैं, जिसने रक्तरूप वस्त्र पहने हैं, जे भगवान विष्णु को अतिप्रिय हैं, जो
लक्ष्मी मन को आनन्द देती हैं, जो समुद्रमंथन से प्रकट हुई है, जो विष्णु भगवान की पत्नी हैं,
जो कमल से जन्मी हैं और जो अतिशय पूज्य है, वैसी हे लक्ष्मी देवी! आप मेरी रक्षा करें।“
अब कटोरी में रखे हुए गहने या रुपये पर हल्दी चढ़ायें,फिर कुमकुम लगा कर अच्छत चढ़ाएं। लाल फूल समर्पित करें तथा दिये हुए लक्ष्मी स्तवन का दुबारा पाठ करते हुए गहने अथवा रूपये की पूजा करें।

Laxmi Prayer

Yaa Raktaambujavaasini Vilasini Chandaanshu Tejaswini.
Yaa Raktaa Rudhiraambaraa Harisakhi Yaa Sri Manolhaadini .
Yaa Ratnaakaramanthanaatpeagatitaan Vishnoswayaa Gahini.
Saa Maan Paatu Manoramaa Bhagawati Laxmishch Padmaavati .
If you could not pronounce sanskrit word correctly then you should chant Laxmi Stvan in english/Hindi:-
“Who resides on red lotus,who have amazing attraction,who have unbearable light,Who is completelely red,Who wears red cloth, who is belovd of good Vishnu,who give pleasure to laxmi mind,who revealed from ,Who is wife of God Vishnu,Who was born from lotus and who is highly respected,Such a Goddess Laxmi; Kindly save me”
Now offer turmeric powder,kumkum & akshat on ornaments or coins.After that offer red flower on it. Once again recite Laxmi Stvan during worship of ornaments or coins.

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