एक बुढ़िया उसके सात बेटे और एक बेटी की प्रचलित कहानी
भाई के पास आकर बोलने लगी- “तू तो जलेगा, कुटेगा, मरेगा।”
भाई उसके ऐसे व्यवहार को देखकर चौंक गया पर उसे कुछ समझ नही आया। इसी तरह दोनो भाई बहन माँ के घर पहुँच गये। थोड़े समय के बाद भाई के लिए सगाई आने लगी। उसकी शादी तय हो गयी।
जब भाई को सेहरा पहनाने लगे तो वह बोली- “इसको क्यूँ सेहरा बँधेगा, सेहारा तो मैं पहनूँगी। ये तो जलेगा, मरेगा।”
सब लोगों ने परेशान होकर सेहरा बहन को दे दिया। बहन ने देखा उसमें कलंगी की जगह साँप का बच्चा था। बहन ने उसे निकाल कर फेंक दिया।
अब जब भाई घोड़ी चढ़ने लगा तो बहन फिर बोली- “ये घोड़ी पर क्यूँ चढ़ेगा, घोड़ी पर तो मैं बैठूँगी, ये तो जलेगा, मरेगा, इसकी लाश को चील कौवे खाएँगे।” सब लोग बहुत परेशान । सब ने उसे घोड़ी पर भी चढ़ने दिया।