अहोई अष्टमी व्रत

यह व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है यह व्रत स्त्रियाँ अपने संतान की लम्बी उम्र तथा आरोग्यता के लिये करती है। स्त्रियाँ इस तिथि को सारे दिन व्रत रहती हैं।

अहोई माता का उजमन

यदि पुत्र का जन्म हो या विवाह हो तो उस वर्ष अहोई माता का उजमन करते हैं। अहोई माता के पूजा के साथ-साथ एक थाली में सात जगह चार-चार पूड़ियाँ रखें और उन पूड़ियों पर हलवा रखें। उसके ऊपर एक साड़ी-रूपया रखें। पूजा के बाद सभी सामग्री उठाकर अपनी सासु-माँ को देकर उनसे आशीर्वाद लें।

अहोई अष्टमी व्रत विधि