बुधवार व्रत विधि एवं कथा - Wednesday Fast Method and Katha
(BUDHVAR Vrat Vidhi and Katha)

बुद्धि, जुबान एवं व्यापार मनुष्य के जीवन के तीन मुख्य आधार स्तंभ हैं,जो कि बुध देव कि कृपा पर निर्भर हैं। बुधवार का व्रत करने से व्यक्ति की बुद्धि में वृ्द्धि होती है। इसके साथ ही व्यापार में सफलता प्राप्त करने के लिये भी इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है। व्यापारिक क्षेत्र की बाधाओं को दूर करने में भी यह व्रत लाभकारी रहता है। इसके अतिरिक्त जिन व्यक्तियों की कुण्डली में बुध अपने फल देने में असमर्थ हो, उन व्यक्तियों को यह व्रत विशेष रुप से करना चाहिए। अथवा जिनके कुण्डली में बुध अशुभ भावों का स्वामी होकर अशुभ भावों में बैठा हो, उस अवस्था में भी इस व्रत को करना कल्याणकारी रहता है।

Wisdom, tongue and business are the three main pillars of a man's life, which depend on the grace of Mercury. Fasting on Wednesday increases one's intelligence. Along with this, this fast is also done specially to get success in business. This fast is also beneficial in removing the obstacles of business sector. Apart from this, those people in whose horoscope Mercury is unable to give their fruit, those people should do this fast especially. Or in whose horoscope Mercury is the master of inauspicious feelings and sitting in inauspicious feelings, it is beneficial to do this fast in that state also.
ग्रह शांति तथा सर्व-सुखों की इच्छा रखने वालों को बुद्धवार का व्रत करना चाहिये। इस व्रत में दिन-रात में एक ही बार भोजन करना चाहिए। इस व्रत के समय हरी वस्तुओं का उपयोग करना श्रेष्ठतम है। इस व्रत के अंत में शंकर जी की पूजा, धूप, बेल-पत्र आदि से करनी चाहिए। साथ ही बुद्धवार की कथा सुनकर आरती के बाद प्रसाद लेकर जाना चाहिये। इस व्रत का प्रारंभ शुक्ल पक्ष के प्रथम बुद्धवार से करें, 21 व्रत रखें। बुद्धवार के व्रत से बुध ग्रह की शांति तथा धन, विद्या और व्यापार में वृद्धि होती है।
Those,who desiring planet peace and all pleasures should observe a fast on Wednesday. In this fast, food should be eaten only once a day and night. It is best to use green things during this fast. At the end of this fast, Lord Shankar should be worshiped with incense, wood-apple leaves etc. Also, after listening to the story of Buddha, one should take the prasad after the aarti. Start this fast from the first Buddha of Shukla Paksha, keep 21 fasts. The fast of Budhwar increases business,wealth and peace of Mercury planet.

बुधवार व्रत पूजा की सामग्री:- Wednesday Fast worship materials
(Budhvar vrat pujan saamagree)

• अक्षत - Rice/Akshat ( unbrokable rice coloured with red colour)
• कलश - Earthen pot (Filled with pure water and miX some drops of ganga jal)
• भगवान शंकर या गणेश जी की मूर्ती - Statue or Picture of God Shankar or Budh Dev
• ताम्र पत्र - Bronzeware/ bronze plate
•जल - Water
• धूप - Dhoop
• चार मुख वाला दीपक - Lamp (with the four faces)
• गंगा जल - Holy water/Ganga Jal
• फूल - Flower
• इत्र -Scent
• चंदन - Sandalwood
• मिठाई - Sweets
• गुण - Molasses
• चावल -Rice (cooked)
• दही - Curd

बुधवार व्रत पूजा विधि:-

बुधवार के दिन प्रात:काल उठकर नित्य-क्रम कर स्नान कर लें। हरा वस्त्र धारण करें। पूजा गृह को स्वच्छ कर शुद्ध कर लें। सभी सामग्री एकत्रित कर लें। कास्य के पात्र में बुध भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। आसन पर बैठ जायें।
Wake up early in the morning on Wednesday, do daily routine and take bath. Wear green clothes. Clean worship room and cleanse it. Collect all the ingredients. Install the statue of Budh God in the copper plate. Sit on the mat.

संकल्प

किसी भी पूजा या व्रत को आरम्भ करने के लिये सर्व प्रथम संकल्प करना चाहिये। व्रत के पहले दिन संकल्प किया जाता है। उसके बाद आप नियमित पूजा और वत करें। सबसे पहले हाथ में जल, अक्षत, पान का पत्ता, सुपारी और कुछ सिक्के लेकर निम्न मंत्र के साथ संकल्प करें:‌ -
To start any puja or fast, one must first take oath. The oath is done on the first day of the fast. After that you do regular worship and vrat. First of all, take water, akshat, betel leaf, areca nut and some coins in your hand and take oath with the following mantra:-

budhvar vrat katha

सभी वस्तुएँ बुध भगवान के पास छोड़ दें।
Leave all things to the Budhdev.
अब दोनों हाथ जोड़कर बुध भगवान का ध्यान निम्न मंत्र करें।
Now do the following mantra by meditating on Budhdev with both hands folded.
बुध त्वं बुद्धिजनको बोधद: सर्वदा नृणाम्।
तत्वावबोधं कुरुषे सोमपुत्र नमो नम:॥
सबसे पहले बुध भगवान पर जल समर्पित करें।
First of all, offer water to the Budh Dev
चंदन से भगवान को तिलक लगायें एवं तिलक पर अक्षत लगायें।
Apply Tilak to God with sandalwood and apply akshat over it.
पुष्प एवं पुष्पमाला अर्पित करें।
Offer flower and garland.
बेल-पत्र चढ़ायें।
Offer wood-apple leaves.
धूप अर्पित कर,दीप दिखायें।
Offer incense, show the lamp.
भगवान को भोग के रूप में फल और मिष्ठान अर्पित करें।
Offer fruits and sweets as bhog to God. इसके बाद बुधवार व्रत कथा को पढ़े अथवा सुने। ध्यान रखें कम-से-कम एक व्यक्ति इस कथा को अवश्य सुने। कथा सुनने वाला भी शुद्ध होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा स्थल के पास बैठे। तत्पश्चात बुध भगवान की आरती करें । उपस्थित जनों को आरती दें और स्वयं भी आरती लें। सभी उपस्थित जनों में प्रसाद वितरित करें। स्वयं के लिये थोड़ा रख लें। शाम को व्रत खोलते समय सबसे पहले प्रसाद ग्रहण करें। उसके बाद हरी वस्तुओं से बने भोजन का सेवन करें।
After this, read or listen to the Wednesday fast story. Keep in mind that at least one person must listen to this story. The storyteller, purified and wearing clean clothes, sat near the place of worship. After that, perform Aarti to Budhdev. Offer Aarti to the present people and also take Aarti yourself. Distribute the Prasad among all the present people. Keep a little for yourself. While opening the fast in the evening, take the Prasad first. After that, eat food made of green things.