वरुथिनी एकादशी व्रत कथा (Page 3/3)
राजन ! इस विधि से वरुथिनी एकादशी की जाती है। रात को जागरण करके जो भगवान मधुसूदन का पूजन करते हैं , वे सब पापों से मुक्त हो परमगति को प्राप्त होते हैं। अत: पापभीरु मनुष्यों को पूर्ण प्रयत्न करके इस एकादशी का व्रत करना चाहिये।
यमराज से डरनेवाला मनुष्य अवश्य ‘वरुथिनी’ का व्रत करे।
राजन ! इसके पढ़ने और सुनने से सहस्त्र गोदान का फल मिलता है और मनुष्य सब पापों से मुक्त होकर विष्णुलोक में प्रतिष्ठित होता है।