ऋषि पंचमी उद्यापन विधि | Rishi Panchami Udyapan Vidhi

हवन –

पूजन के बाद निम्न मंत्र से १०८ बार हवन करें:-
सप्तर्षय:प्रतिहिता:शरीरे सप्तरक्षन्ति सदम् प्रमादम्।
सप्ताय: स्वपतो लोकमीयुस्तत्र जागतोऽअस्वप्न जौ सत्रसदौच देवौ।

इसके बाद निम्न मंत्र से पूर्णाहुति दे:-

पुलस्त्य स्वाहा।
पुलह स्वाहा
।क्रन्तु स्वाहा।
प्रावेतस स्वाहा।
वशिष्ठ स्वाहा।
मारीच स्वाहा।
आत्रेय स्वाहा।

ब्राह्मण पूजन-

तत्पश्चात सात ब्राह्मणों का वस्त्र आदि से पूजन कर प्रत्येक ब्राह्मण को एक कलश दक्षिणा प्रतिमा सहित देकर प्रार्थना करें:-
प्रतिगृह्ण द्विजश्रेष्ठ प्रतिमादि समन्वितम्।
कलशं चार्षिं प्रीत्यै व्रतसम्पूर्ति हेतवे॥
ब्राह्मणों को भोजन करायें। उसके बाद स्वयं भोजन करें।

॥ ऋषि पंचमीउद्यापन विधि ॥