यशोदा जयंती
हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा माता की जयंती मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि माता यशोदा का जन्म फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हुआ था। इस वर्ष यशोदा जयंती १४ फरवरी,२०२० को है। इस तिथि को कृष्ण मंदिरों में विशेष रूप से मनाया जाता है।
यशोदा जयंती का त्योहार विशेष रूप से गोकुल मे मनाया जाता है। इस तिथि को माँ यशोदा की पूजा की जाती है। पूजा के बाद माँ यशोदा और श्री कृष्ण की कथायें कही और सुनी जाती है। गुजरात में भी यशोदा जयंती को मनाया जाता है।
जब माता देवकी की शादी वसुदेव से हुई तभी एक आकाशवाणी हुई कि हे कंस देवकी का आठवां पुत्र ही तुम्हारा वध करेगा। यह आकशवाणी सुनकर कंस ने अपनी बहन देवकी को वसुदेव के साथ काल-कोठरी में बंद कर दिया, और एक-एक कर देवकी और वसुदेव के पुत्रों को जन्म के बाद मारने लगा। जब श्री कृष्ण भगवान का जन्म हुआ तो अपने-आप हीं सारे काल-कोठरी के दरवाजे खुल गये और सभी सैनिक सो गये। वसुदेव जी ने श्री कृष्ण भगवान को टोकरे मे डाल कर अपने मित्र नंद बाब के पास यशोदा माँ के गोद में रख दिया। यशोदा माँ के पास से योगमाया को उठा कर काल-कोठरी में आ गये। जिससे कि उनके पुत्र की जान बच जाये। जब कंस को सैनिकों ने सूचना दी कि देवकी के पुत्री हुई है तब उसने उसे भी मारने की कोशिश की लेकिन योगमाया उड़कर आकाश में चली गई और कहा कि हे कंस तुम्हें मारने वाला जन्म ले चुका है। यशोदा माँ ने बहुत लाड़-प्यार से श्री कृष्ण भगवान की परवरिश की। श्री कृष्ण भगवान के प्रति यशोदा माँ के प्यार की तुलना नहीं की जा सकती ।