सफला एकादशी व्रत कथा (Page 2/5)
राजन् ! ‘सफला एकादशी’ को नाम मंत्रों का उच्चारण करके फलों के द्वारा श्रीहरि का पूजन करें । नारियल के फल, सुपारी, बिजौरा नींबू , जमीरा नींबू, अनार, सुन्दर आँवला, लौंग, बेर तथा विशेषत: आम के फलों से देवदेवेश्वर श्रीहरि की पूजा करनी चाहिये। इसी प्रकार धूप दीप से भी भगवान् की अर्चना करें।
‘सफला एकादशी’ को विशेष रुप से दीप दान करने का विधान है । रात को वैष्णव पुरुषों के साथ जागरण करना चाहिए । जागरण करनेवाले को जिस फल की प्राप्ति होती है, वह हजारों वर्ष तपस्या करने से भी नहीं मिलता ।
श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा- नृपश्रेष्ठ ! अब ‘सफला एकादशी’ की शुभकारिणी कथा सुनो