परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा प्रारम्भ (Page १/६)
युधिष्ठिर ने पूछा- “केशव ! भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष मे जो एकादशी होती है, उसका क्या नाम, कौन देवता और कैसी विधि है ? यह बताईये। ”
भगवान श्रीकृष्ण बोले- राजन ! इस विषय में मैं तुम्हें एक आश्चर्यजनक कथा सुनाता हूँ; जिसे ब्रह्माजी ने महात्मा नारद से कहा था।
नारदजी ने पूछा- “चतुर्मुख! आपको नमस्कार है। मैं भगवान विष्णु की अराधना के लिये आपके मुख से यह सुनना चाहता हूँ कि भाद्रपदमास के शुक्ल पक्ष में कौन-सी एकादशी होती है ?”
ब्रह्माजी ने कहा- “ मुनिश्रेष्ठ ! तुमने बहुत उत्तम बात पूछी है। क्यों न हो, वैष्णव जो ठहरे। भादों के शुक्लपक्ष की एकादशी ‘परिवर्तिनी’ के नाम से विख्यात है। उस दिन भगवान हृषीकेश की पूजा होती है। यह उत्तम व्रत अवश्य करने योग्य है।”