॥ श्री आंजनेय द्वादशनाम स्तोत्र ॥

हनुमान जी के द्वादशनाम स्तोत्र या बारह नामों का नित्य प्रति पाठ करने से हर तरह की विघ्न बाधायें दूर होती है। आंजनेय द्वादशनाम स्तोत्र का पाठ नित्य प्रति करने से आयु, सुख-सम्पत्ति सभी में वृद्धि होती है। विशेष रूप से किसी यात्रा पर जाने से पूर्व इस स्तोत्र का पाठ करने से यात्रा निर्विघ्न पूरी होती है और मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है ।

हनुमान जी के बारह नाम

१. श्री हनुमान जी
२. अंजनी सूत
३. वायु पुत्र
४. महाबल
५. रामेष्ट
६. फाल्गुन सख
७. पिंगाक्ष
८. अमित विक्रम
९. उदधि क्रमण
१०. सीता शोक विनासन
११. लक्ष्मण प्राण दाता
१२. दस ग्रीव दर्पहा

दिन में जब भी समय मिले शुद्ध हो, इन बारहनामों का जप करने से हर प्रकार का लाभ होता है:-

• प्रात:काल जगने के बाद सर्वप्रथम इन बारह नामों को ग्यारह पर मन-ही-मन जपने से मनुष्य दीर्घायु होता है ।
• प्रतिदिन एक ही समय में नियमित रूप से द्वादश नाम का जप करने से मनुष्य सांसारिक बंधनों से मुक्त हो मोक्ष को प्राप्त करता है।
• दोपहर के समय द्वादश नाम जपने उस मनुष्य के घर में लक्ष्मी जी का स्थायी निवास रहता है।
• पारिवारिक सुख में वृद्धि के लिये शाम के समय इन बारह नामों का जप करना चाहिये।
• प्रतिदिन इन बारह नामों का जप करके सोने से सभी शत्रु पराजित हो जाते है।
• जो मनुष्य इन बारह नामों का जप पूरे दिन करता है उसकी रक्षा हनुमान जी दसों दिशाओं में करते हैं।
• किसी भी यात्रा पर जाने के पहले या न्याय सम्बंधि कार्यों के पहले इन बारह नामों का जप करने से लाभ होता है।