षट्तिला एकादशी व्रत कथा प्रारम्भ (Page 1/5)

युधिष्ठिर ने पूछा -“ जगन्नाथ ! श्री कृष्ण ! आदिदेव! जगतपते! माघ मास की कृष्ण पक्ष में कौन सी एकादशी होती है ? उसके लिये कैसी विधि है? तथा उसका फल क्या है ? कृपा करकेयह सब बताइये।”
श्री भगवान् बोले- “नृपश्रेष्ठ ! सुनो,माघ मास के कृष्ण पक्ष की जो एकादशी है, वह ‘षट्तिला’ के नाम से विख्यात है, जो सब पापों का नाश करनेवाली है।
अब तुम ‘षट्तिला’ एकादशी की पापहारिणी क्था सुनो, जिसे मुनिश्रेष्ठ पुल्स्त्य ने दाल्भ्य से कहा था।”
दाल्भ्य ने पूछा- “ब्रह्मण! मृत्युलोक में आये हुए प्राणी प्राय: पापकर्म करते हैं। उन्हें नरक में न जाना पड़े इसके लिये कौन-सा उपाय है? बताने की कृपा करें।”